बह्र-ए-मुतदारिक मुसम्मन सालिम
फ़ाइलुन---फ़ाइलुन---फ़ाइलुन---फ़ाइलुन
212--------212-----------212-----212
-----------------------------
ग़ज़ल 009--ओके
आँधियों से न कोई गिला कीजिए
लौ दिए की बढ़ाते रहा कीजिए
सर्द रिश्ते भी इक दिन पिघल जाएंगे
गुफ़्तगू का कोई सिलसिला कीजिए
दर्द-ए-जानां भी है,रंज-ए-दौरां भी है
क्या ज़रूरी है ख़ुद फ़ैसला कीजिए
मैं वफ़ा की दुहाई तो दूंगा नहीं
आप जितनी भी चाहे जफ़ा कीजिए
हमवतन आप हैं ,हमज़बां आप हैं
दो दिलों में न यूँ फ़ासला कीजिए
आप आएँ न आएँ अलग बात है
पर मिलन का भरम तो रखा कीजिए
आप गै़रों में इतने न मस्रूफ़ हों
आप ’आनन’ से भी तो मिला कीजिए
-आनन्द.पाठक -
इस गीत को मेरे यू-ट्यूब्चनेल चैनेल आवाज़ का सफ़र में सुने--
फ़ाइलुन---फ़ाइलुन---फ़ाइलुन---फ़ाइलुन
212--------212-----------212-----212
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ग़ज़ल 009--ओके
आँधियों से न कोई गिला कीजिए
लौ दिए की बढ़ाते रहा कीजिए
सर्द रिश्ते भी इक दिन पिघल जाएंगे
गुफ़्तगू का कोई सिलसिला कीजिए
दर्द-ए-जानां भी है,रंज-ए-दौरां भी है
क्या ज़रूरी है ख़ुद फ़ैसला कीजिए
मैं वफ़ा की दुहाई तो दूंगा नहीं
आप जितनी भी चाहे जफ़ा कीजिए
हमवतन आप हैं ,हमज़बां आप हैं
दो दिलों में न यूँ फ़ासला कीजिए
आप आएँ न आएँ अलग बात है
पर मिलन का भरम तो रखा कीजिए
आप गै़रों में इतने न मस्रूफ़ हों
आप ’आनन’ से भी तो मिला कीजिए
-आनन्द.पाठक -
इस गीत को मेरे यू-ट्यूब्चनेल चैनेल आवाज़ का सफ़र में सुने--
इसी ग़ज़ल को आ0 विनोद कुमार उपाध्याय जी के आवाज़ में फ़ेसबुक पर यहाँ सुनें--
45बहुत खूब आनंद जी एक बेहतरीन गजल मै तो आप का नियमित पाठक हूँ बस सिकायत है आप से एक
जवाब देंहटाएंआप गै़रों से इतने जो मस्रूफ़ हैं
काश !’प्रवीण ’ से भी मिला कीजिए
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
wah.wah. bahut achcha.
जवाब देंहटाएंgazal pasand aayee ... badhaayee iske liye
जवाब देंहटाएंarsh
आँधियों से न कोई गिला कीजिए
जवाब देंहटाएंलौ दिए की बढ़ाते रहा कीजिए
सर्द रिश्ते भी इक दिन पिघल जाएगी
गुफ़्तगू का कोई सिलसिला कीजिए
wah wah behatareen lajawaab.
वाह !वाह !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
बधाई !
rochak aur sundar
जवाब देंहटाएंआँधियों से न कोई गिला कीजिए
जवाब देंहटाएंलौ दिए की बढ़ाते रहा कीजिए ..
सार्थक लिखा है ....... दिल की आस नही बुझनी चाहिए ....... गम का अंधेरा तो आएगा उसे आने दें ...
लो, हमने तो अपनी ट्टिपणी वहीं मेल पर ही कर दी.....और संजो कर भी नहीं रक्खी.... आनन्द नाराज न हों... रचना अच्छी है.
जवाब देंहटाएंआ० दिगम्बर जी/साधक जी
जवाब देंहटाएंउत्साह वर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
सादर
-आनन्द.पाठक
aik achhee ghazal par mubaarakbaad qabool karen.
जवाब देंहटाएंPK Swami