गीत ग़ज़ल और माहिए ------
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शुक्रवार, 15 अगस्त 2025
ग़ज़ल 443[17-जी] : किसी के मिलन की --
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ग़ज़ल : 122---122---122---122 किसी के मिलन की, विरह की कथा हूँ ग़ज़ल हूँ किसी का मैं हर्फ़-ए-वफ़ा हूँ । तवारीख़ में हर ग़ज़ल की गवाही मैं हर दौर...
गुरुवार, 14 अगस्त 2025
चंद माहिए 111/21
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चन्द माहिए : क़िस्त 111/21 :1: उस पार मेरा माही टेरेगा जिस दिन उस दिन तो जाना ही । :2: जब दिल ही नहीं माना क्या होगा लिख कर कोई राजीनामा ।
बुधवार, 13 अगस्त 2025
एक सूचना : नए यू-ट्यूब चैनेल के बारे में
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एक सूचना --नए ’यू-ट्यूब ’ चैनेल के बारे में मित्रो! अपनी व्यंग्य रचनाओं के लिए मैने अपना एक #youtube_channel # बनाया है - #मुखौटों_की_दु...
गुरुवार, 17 जुलाई 2025
चंद माहिए 110/20
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:1: बारिश लगती है भली खेल रहे बच्चे कागज की नाव चली :2: सबने है ये माना पिंजरे से इक दिन पंछी को उड़ जाना । :3: क्यॊं आँखें हैं पुरनम लेकर ...
चन्द माहिये: 109/19
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चंद माहिए : क़िस्त 109/19 :1: बदरा बरसै रिमझिम आग लगाता है तन में मद्धिम मद्धिम । :2: जल प्लावन कर जाता बादल जब फटता मन अपना डर जाता । :3: उ...
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