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गुरुवार, 16 सितंबर 2021

कविता 08S : कितना आसान होता है

 

-कविता-08 

 

कितना आसान होता है

किसी पर कीचड़ उछालना

किसी पर उँगली उठाना

आसमान पर थूकना

पत्थर फेकना।

मासूम परिन्दों को निशाना बनाना

कितना आसान होता है

किसी लाइन को छोटा करना

उसे मिटाना

आग लगाना, आग लगा कर फिर फ़ैलाना

अच्छा लगता है

अपने को कुछ बड़ा दिखाना।

बड़ा समझना

तुष्टि अहम की हो जाती है

उसको सब अवसर लगता है

सच से उसको डर लगता है ।

 -आनन्द.पाठक-  

प्र0 11-04-22

यह कविता मेरी आवाज़ में सुने---



1 टिप्पणी:

  1. सही कहा बहुत आसान है किसी पर कीचड़ उछालना,उँगली उठाना....
    गुलाब बन कर कहीं खिले होते
    जनाब ! हँस कर कभी मिले होते
    बहुत ही लाजवाब सृजन
    वाह!!!

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