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सोमवार, 16 सितंबर 2024
अनुभूतियाँ 149/36
अनुभूतियाँ 149/36
1:
लाख मना करता है ज़ाहिद
कब माना करता है यह दिल ।
मयखाने से बच कर चलना
कितना होता है यह मुशकिल ।
:2;
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