:1:
किस बात पे हो रूठे ,
किस ने कहा तुम से
सब रिश्ते हैं झूठे ?
:2:
जाना था,नहीं आते
आ ही गये हो तो
कुछ देर ठहर जाते
:3:
जब तुमने नहीं माना
सच को सच मेरा
दुनिया ने कब जाना
:4:
आँखों के अन्दर है
तब तक है आँसू
निकले तो समन्दर है
:5:
आँसू में छुपा है ग़म
कहने को क़तरा
दरिया से नहीं है कम
-आनन्द.पाठक
[सं 21-10-20]