सावन आया --- चन्द माहिए सावन पे
क़िस्त: 108/18
:1:
शिव भक्तों के दम से
गूँज रहीं राहें
जय भोले बम बम से ।
2
सावन में मन निर्मल
काँवड़िए निकले
ले ले कर पावन जल ।
:3:
सावन में पावन काम
काँवड़ ले जाना
भोले बाबा के धाम ।
:4:
जय जय बाबा भोले
गूँज उठा मंदिर
जब मिल कर सब बोले ।
:5:
लेकर अपना काँवर
आया हूँ मैं भी
भोले बाबा के घर ।
क़िस्त: 108/18
:1:
शिव भक्तों के दम से
गूँज रहीं राहें
जय भोले बम बम से ।
2
सावन में मन निर्मल
काँवड़िए निकले
ले ले कर पावन जल ।
:3:
सावन में पावन काम
काँवड़ ले जाना
भोले बाबा के धाम ।
:4:
जय जय बाबा भोले
गूँज उठा मंदिर
जब मिल कर सब बोले ।
:5:
लेकर अपना काँवर
आया हूँ मैं भी
भोले बाबा के घर ।
-आनन्द.पाठक-
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