बुधवार, 11 मई 2022

आवाज़ 002 : एक अनुभूति



एक अनुभूति  और

रात रात भर जग कर चन्दा

ढूँढा करता किसे गगन में ?

थक कर बेबस सो जाता है

दर्द दबा कर अपने मन में ।

-आनन्द.पाठक-


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