रविवार, 12 अगस्त 2012

एक अति सामान्य सूचना

बड़े बेटे के आग्रह पर प्रथम विदेश यात्रा पर सपरिवार न्यू जर्सी (USA) जा रहा हूँ

इस लघु-प्रवास (22 Aug से 10 Oct तक)में मेरा पता निम्न रहेगा

14,Pasaaic Avenue
Nutley ,New Jersey

सम्पर्क सूत्र ,mobile no. और आगे का कार्यक्रम (जैसे वाशिंगटन , बोस्टन ,न्यूयार्क,फ़िलडेल्फिया वर्ज़िनिया आदि का कार्यक्रम )वहाँ पहुँचने के बाद इसी मंच पर लगा दूँगा और मंच से जुड़े रहने की कोशिश करूँगा।
यदि संभव हुआ तो ,अपने प्रवासी मित्रों एवं अन्य मि्त्रों के दर्शन करने की भी कोशिश करूंगा

आशीर्वादाकांक्षी

आनन्द.पाठक 09413395592

रविवार, 5 अगस्त 2012

एक ग़ज़ल 34 [37 A]: राजशाही जब कभी छलने लगी

ग़ज़ल 34 [37 A]

2122---2122---212

राजशाही जब कभी छलने लगी 
भीड़ सड़कों पर उतर चलने लगी 

गोलियों से मत इन्हे समझाइए-
पेट की है आग अब जलने लगी 

लोग अपनों से करे हैं दुश्मनी 
या ख़ुदा कैसी हवा चलने लगी  ।

क्या रहा हासिल तुम्हारी दौड़ का
देख लेना , शाम अब ढलने लगी ।

बढ़ गई रिश्तों में जब जब गरमियाँ
बर्फ़-सी दीवार थी, गलने लगी ।

झूठ की ’गारंटियाँ’ देने लगे 
तब सियासत फूलने-फ़लने लगी ।

दौर-ए-हाज़िर को कहूँ ’आनन’ मैं क्या
सोच कैसी नफ़रती पलने लगी ।

-आनन्द.पाठक-