:1:
यूंँ रस्म-ए-वफ़ा सबसे
जाने क्यूँ हरदम
रहता वो खफ़ा हमसे ?
:2:
इक दर्द उभरता है
ख़्वाब-ओ-ख़यालो में
वो जब भी उतरता है
:3:
कल मेरे बयां होंगे
मैं न रहूँ शायद
पर मेरे निशां होंगे
;4:
आया वो नहीं अब तक
ढूँढ रहीं आँखें
हर शाम ढलूँ कब तक ?
:5:
बदली ये हवाएं हैं
मौसम भी बदला
लगता वो आएं हैं
-आनन्द.पाठक
[सं 11-06-18]
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