:1:
जब जब चलती हो तुम
लहरा कर ज़ुल्फ़ें
दिल हो जाता है गुम
:2:
पर्दा जो उठा लेंगे
जिस दिन वो अपना
हम जान लुटा देंगे
:3:
चादर न धुली होगी
जाने से पहले
मुठ्ठी भी खुली होगी
4
दिल ऐसा हुआ पागल
हर आहट समझा
झनकी उसकी पायल
:5:
पाकर भी है खोना
टूटे सपनों का
फिर क्या रोना धोना
-आनन्द.पाठक
[सं 12-06-18]
:2:
पर्दा जो उठा लेंगे
जिस दिन वो अपना
हम जान लुटा देंगे
:3:
चादर न धुली होगी
जाने से पहले
मुठ्ठी भी खुली होगी
4
दिल ऐसा हुआ पागल
हर आहट समझा
झनकी उसकी पायल
:5:
पाकर भी है खोना
टूटे सपनों का
फिर क्या रोना धोना
-आनन्द.पाठक
[सं 12-06-18]
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें