:1:
दम झूठ का भरते हो
क्या है मजबूरी
जो सच से डरते हो
:2:
मालूम तो थी मंज़िल
राहें भी मालूम
क्यों दिल को लगी मुश्किल
:3:
करता भी क्या करता
पर्दे के पीछे
इक और बड़ा परदा
;4:
ताउम्र वफ़ा करते
मिल जाते गर तुम
्फिर हम न ख़ता करते
:5:
ये हाथ न छूटेगा
साँस भले छूटे
पर साथ न छूटेगा
-आनन्द.पाठक-
[सं 11-06-18]
मिल जाते गर तुम
्फिर हम न ख़ता करते
:5:
ये हाथ न छूटेगा
साँस भले छूटे
पर साथ न छूटेगा
-आनन्द.पाठक-
[सं 11-06-18]
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