चन्द माहिया : क़िस्त २२
:१:
इक प्यास रहे ज़िन्दा
तेरे होने का
इक प्यास रहे ज़िन्दा
तेरे होने का
एहसास रहे ज़िन्दा
:२:
आना जो नहीं मुमकिन
जब मेरे दिल में
फिर क्या जीना तुम बिन
:३:
आँखों में समाए वो
और किधर देखूँ
आए कि न आए वो
:४:
जिस दिल में न हो राधा
साँसे तो पूरी
पर जीवन है आधा
:५:
रिमझिम रिमझिम बूँदें
चाह यही होगी
तपते मन को छू दें
चाह यही होगी
तपते मन को छू दें
आनन्द.पाठक
[सं 12-06-18]
1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर
एक टिप्पणी भेजें