:1:
जब तुम ने नहीं माना
टूटे रिश्तों को
फिर क्या ढोते जाना
:2:
इस दिल ने पुकारा है
ख़ामोशी तेरी,
मुझ को न गवारा है
:3:
तुम तोड़ गए सपने
ऐसा भी होगा
सोचा था नहीं हमने
:4:
जब तुमको छकाना है
आँख मिचौली में
तुम से छुप जाना था
5
हर रंग जो सच्चा है
प्रीत मिला दे तो
सब रंग से अच्छा है
-आनन्द पाठक-
[सं 13-06-18]
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें