मंगलवार, 28 मार्च 2017

चन्द माहिया : क़िस्त 35

चन्द माहिया : क़िस्त 35

:1:

सजदे में पड़े हैं हम
और उधर दिल है
दर पर तेरे जानम

;2;

जब से है तुम्हें देखा
दिल ने कब मानी
कोई लछ्मन- रेखा

:3:

क्या बात हुई ऐसी
 दिल में अब तेरे
चाहत न रही वैसी

:4:
समझो न कि पानी है 
क़तरा आँसू का
ख़ुद एक कहानी है

:5:
इक राह अनोखी है
जाना है सब को
पर किसने देखी है



-आनन्द.पाठक-
[सं 13-06-18]

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