मंगलवार, 6 नवंबर 2007

हास्य -क्षणिका 01

पत्नी बोली
'सुनते हैं जी !
कल शाम मंदिर में मैंने
क्या माँगा था ?
सात जनम तक पति रुप में
तुम को पाऊ
चरणों की सेवा कर
जीवन सफल बनाऊ
मैंने बोला " भाग्यवान !
एक बात तो तुम ने कही सही है
छः जनम तो बीत चूका है
सतवाँ जनम यही है

कोई टिप्पणी नहीं: