एक कविता : पत्नी जी के जन्म-दिवस पर
पत्नी जी के जन्म-दिवस पर
मैने भी कुछ हुलस हुलस कर
’चार लाइना ’ लिख डाला
"जन्म दिन पर आज
जीवन को नया आयाम दे दो
"जन्मदिन की शुभ घडी
कोई नई पहचान दे दो "
प्रत्युत्तर में पत्नी बोली
"घड़ी? कौन सी?
शादी में जो घड़ी मिली थी
क्या कर डाला ?
"मेरे बाप को समझा क्या
H.M.T वाला !"
-आनन्द.पाठक-
[पत्नी के आगे "जी" ग्रह शान्ति के लिए लगाया है-आप लोग भी लगाया करें ]
पत्नी जी के जन्म-दिवस पर
मैने भी कुछ हुलस हुलस कर
’चार लाइना ’ लिख डाला
"जन्म दिन पर आज
जीवन को नया आयाम दे दो
"जन्मदिन की शुभ घडी
कोई नई पहचान दे दो "
प्रत्युत्तर में पत्नी बोली
"घड़ी? कौन सी?
शादी में जो घड़ी मिली थी
क्या कर डाला ?
"मेरे बाप को समझा क्या
H.M.T वाला !"
-आनन्द.पाठक-
[पत्नी के आगे "जी" ग्रह शान्ति के लिए लगाया है-आप लोग भी लगाया करें ]
[सं 07-12-18]
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