रविवार, 13 दिसंबर 2009

गीत 21 : मैं प्यार माँगता हूँ .......

एक गीत : मैं प्यार माँगता हूँ......

मैं प्यार माँगता हूँ ,अधिकार माँगता हूँ !

जीवन के इस सफ़र में
श्वासों के इस भँवर में

टूटे हुए सपन का श्रृंगार माँगता हूँ
मैं प्यार माँगता हूँ........

आदर्श के सहारे
लूटी गईं बहारें

उजड़ी हुई गली का गुलजार माँगता हूँ
मैं प्यार माँगता हूँ........

दे दो कदम सहारा
क्यों कर लिया किनारा

अनजान ग़लतियों को स्वीकार मानता हूँ
मैं प्यार माँगता हूँ........

यादों को साथ लेकर
स्वप्निल बरात लेकर

मधुयामिनी मिलन का उपहार माँगता हूँ
मैं प्यार माँगता हूँ........

-आनन्द पाठक ’आनन’

4 टिप्‍पणियां:

अजय कुमार ने कहा…

प्रेम याचना का सुंदर प्रस्तुतिकरण

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

यादों को साथ लेकर
स्वप्निल बरात लेकर

मधुयामिनी मिलन का दो-चार माँगता हूँ

bahut sunder pyara geet.

kshama ने कहा…

Behad sundar rachna! Waah!

आनन्द पाठक ने कहा…

आ० अजय जी/योगेश जी/शमा जी
उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
नीचे की पंक्ति मे मामूली संशोधन कर दिया है
मधुयामिनी मिलन का दो-चार माँगता हूँ .......को

मधुयामिनी मिलन का उपहार माँगता हूँ
सादर
-आनन्द.पाठक