चन्द माहिया : क़िस्त 09
:01:
दुनिया के ताने क्यूँ
प्यार अगर सच है
मिलने में बहाने क्यूँ
:02:
मन में है वृन्दावन
साँसों में राधा
हर साँस में मनमोहन
;03:
सौ बार कहा हमने
भूल उसे जाओ
कब बात सुनी ग़म ने
:04:
जो बात लबों पर है
कहना है कह दो
किस बात का अब डर है
:05:
मुश्किल से मिली हो तुम
बाँहों में आ कर
रहती हो क्यों गुमसुम
-आनन्द.पाठक
[सं 15-06-18]
:01:
दुनिया के ताने क्यूँ
प्यार अगर सच है
मिलने में बहाने क्यूँ
:02:
मन में है वृन्दावन
साँसों में राधा
हर साँस में मनमोहन
;03:
सौ बार कहा हमने
भूल उसे जाओ
कब बात सुनी ग़म ने
:04:
जो बात लबों पर है
कहना है कह दो
किस बात का अब डर है
:05:
मुश्किल से मिली हो तुम
बाँहों में आ कर
रहती हो क्यों गुमसुम
-आनन्द.पाठक
[सं 15-06-18]
1 टिप्पणी:
वाह्ह्ह्ह बहुत सुन्दर 1
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