मंगलवार, 23 सितंबर 2014

चन्द माहिया : क़िस्त 09

                                    चन्द माहिया : क़िस्त 09

    :01:


दुनिया के ताने क्यूँ

प्यार अगर सच है
मिलने में बहाने क्यूँ


    :02:


मन में  है वृन्दावन

साँसों में राधा
हर साँस में मनमोहन


    ;03:


सौ बार कहा हमने

भूल उसे जाओ
कब बात सुनी ग़म ने

    :04:


जो बात लबों पर है

 कहना है कह दो
किस बात का अब डर है

     :05:


मुश्किल से मिली हो तुम

बाँहों में आ कर
 रहती हो क्यों गुमसुम



-आनन्द.पाठक


[सं 15-06-18]

1 टिप्पणी:

निर्मला कपिला ने कहा…

वाह्ह्ह्ह बहुत सुन्दर 1