चन्द माहिया : क़िस्त 57
1
वादा करना आसाँ
कौन निभाता है ?
ऎ ,मेरे दिल-ए-नादाँ
2
जब हो ही गए रुस्वा
छोड़ो जाने दो
क्या तुम से गिला शिकवा
3
खुद को तो छुपा लोगी
ख़ुशबू जुल्फ़ों की
तुम कैसे छुपाओगी
4
ये ग़ैब अदा किसकी
दिल पे तारी है
हर साँस सदा किसकी
5
तसवीर तेरी, बातें
करती रहती हैं
1
वादा करना आसाँ
कौन निभाता है ?
ऎ ,मेरे दिल-ए-नादाँ
2
जब हो ही गए रुस्वा
छोड़ो जाने दो
क्या तुम से गिला शिकवा
3
खुद को तो छुपा लोगी
ख़ुशबू जुल्फ़ों की
तुम कैसे छुपाओगी
4
ये ग़ैब अदा किसकी
दिल पे तारी है
हर साँस सदा किसकी
5
तसवीर तेरी, बातें
करती रहती हैं
कटती रहती रातें
-आनन्द.पाठक-
-आनन्द.पाठक-
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