सोमवार, 16 जून 2025

अनुभूतियाँ 183/70

 अनुभूतियाँ 183/70

:1:

जीवन है तो सुख दुख भी है

राग-रंग भी, मिलन-जुदाई

प्रथम साँस से अन्त साँस तक

जीवन की पटकथा समाई ।


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