सोमवार, 15 सितंबर 2025

मुक्तक 22

 मुक्तक 22

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मजदूरों की बस्ती साहिब

जान यहाँ है सस्ती साहिब

जब चाहे आकर उजाड़ दें

’बुधना’ की गृहस्थी साहिब

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