एक सूचना-पुस्तक -प्रकाशन के संदर्भ में
अभी संभावना है
मित्रो
!
आप लोगों को यह सूचित
करते हुए हर्षानुभूति हो रही है कि आप लोगों के आशीर्वाद से और शुभकामनाओं से मेरा
अगली किताब –अभी संभावना है [ ग़ज़ल संग्रह]— प्रकाशित हो कर आ गई है । इसे मै 13TH
पुस्तक तो नहीं कह सकता। वस्तुत: यह मेरे प्रथम ग़ज़ल संग्रह - अभी संभावना है-का
ही संशोधित रूप है। मैं इसे द्वितीय संस्करण का नाम नही दे रहा हूँ अपितु यह पहली
आवॄति की ही पुनरावृति या अधिक से अधिक इसे परिष्कॄत, परिवर्तित, परिशोधित या
परिवर्धित रूप कह सकता हूँ। आप के मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि मै ऎसा
क्यों कह रहा हूँ या फिर इस आवृति की आवश्यकता क्या थी ? इस प्रश्न का उत्तर मैने
इस संग्रह की भूमिका में विस्तार से लिख दिया है।
इस संग्रह का आशीर्वचन आ0 द्विजेन्द्र ’द्विज’
जी ने लिखा है। द्विज जी स्वयं एक समर्थ ग़ज़लकार है और ग़ज़ल के सशक्त हस्ताक्षर भी।
। वह एकान्त साहित्य साधक हैं, आत्म मुग्धता से बहुत दूर रहते हैं। वह ग़ज़ल कहते
नहीं अपितु जीते हैं।
यह संशोधित संस्करण आप लोगों के हाथों सौंप रहा हूँ । आप की टिप्पणियों का,
सुझावों का, प्रतिक्रियाओं का सदैव स्वागत रहेगा।
दस्तकें देते रहो
तुम हर मकां, हर दर पे ‘आनन’
आदमी में आदमीयत जग उठे संभावना है।’
सादर
-आनन्द.पाठक
‘आनन’ –
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पुस्तक
मिलने का पता –
श्री
संजय कुमार
अयन
प्रकाशन
जे-19/39
, राजापुरी, उत्तम नगर
नई
दिल्ली -110 059
Email : ayanprakashan@gmail.com
Web site: www.ayanprakashan,com
Whatsapp 92113
12371
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