सोमवार, 16 दिसंबर 2024

नव वर्ष 2025 --स्वागतम गीत

 

नव वर्ष 2025 --स्वागतम गीत

122---122---122---122

उमीदों भरा यह नया वर्ष आया 

नए वर्ष का स्वागतम  गीत गाएँ


विगत वर्ष के जो अधूरे सपन हैं

उन्हे हौसलों के नए पंख देंगे ।

किसी भी तरह की कमी रह गई थी

उन्हे पूर्ण करने की कोशिश करेंगे।

नया है सवेरा, प्रथम नव किरण से

नए स्वप्न फिर से चलो हम सजाएँ ।


नई मंज़िलों का नया लक्ष्य साधें

करें आज प्रण हम नई भावना से।

नियति मान कर बैठ जाना नहीं है

बदलनी नियति है सतत साधना से।

मिटाना अँधेरा, निराशा अगर है

हृदय में सदा ज्योति पावन जलाएँ ।


अनागत क्षणों में विजय श्री निहित है

उन्हे सत्प्रयासों से है प्राप्त करना ।

चलो आज संकल्प लेते हैं मिल कर

हमें है सदा सत्य की राह चलना ।

सभी जन के अंदर अतुल शक्तियाँ हैं

उन्हे हम नए वर्ष में फिर जगाएँ ।


नए वर्ष में ना करे ’युद्ध’ कोई 

सभी हों सुखी, चैन की ज़िंदगी हो।

न नफ़रत, न इर्ष्या, न कल्मष हॄदय में

दया की, क्षमा प्रेम की रोशनी हो ।

नए वर्ष के इस सुखद आगमन पर

अहिंसा का संदेश जग को सुनाएँ

नए वर्ष का स्वागतम गीत गाएँ ।


-आनन्द.पाठक-


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