चंदन वन की शीतल मंद सुगन्ध हवाएँ
नील गगन में मुक्त कंठ से सोन चिरैया
जीने को मिल जाता एक सहारा है ।
उड़ने को तैयार, इन्हें उड़ जाने दो ।
-एक सूचना-
मित्रो !
आप लोगों के आशीर्वाद और स्नेह से , मैने 3- यू-ट्यूब चैनेल बनाए हैं। अब तक आप लोगों ने इस मंच पर मेरी काफी रचनाएँ-जैसे गीत ग़ज़लमाहिए-दोहे-कविताएं और व्यंग्य -पढ़ीं और उत्साहवर्धन किया । अब इन्ही रचनाओं का स्वर पाठ, वाचन मेरे चैनेल पर सुनें और आशीर्वाद दें
चूँकि यह मेरे ’एकल और प्रथम प्रयास है-प्रोफ़ेसनलिज्म न मिले । इस प्रयास में बहुत सी कमियाँ भी होंगी ,आशा करता हूँ कि इसमे उत्त्तरोत्तर सुधार होता जाएगा । आप इसे सब्सक्राइब, लाइक और शेयर करें ।
इसमें मेरी काव्यात्मक रचनाऒं [गीत-ग़ज़ल-माहिए-कविताओ आदि] का स्वर पाठ होगा। आप लय-स्वर-सुर पर ध्यान न दीजिएगा-बस भाव पर ध्यान दीजिएगा।
इसमें मेरी व्यंग्य रचनाओं का वाचन होगा ।
[3] पयाम-ए-ग़ज़ल : इस चैनेल पर आप मेरी ग़ज़लों का सस्वर पाठ सुन सकेंगे
आप की शुभ कामनाओं का आकांक्षी--
सादर
-आनन्द.पाठक-