-आनन्द पाठक -
हुज़ूर आपका भी .......एहतिराम करता चलूं .....इधर से गुज़रा था- सोचा- सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽकृपया एक अत्यंत-आवश्यक समसामयिक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-www.samwaadghar.blogspot.comशुभकामनाओं सहितसंजय ग्रोवर
bahut khoob haiku, main to nano kavita kahunga. bahut sunder.सांझ सकारेयाद तुम्हारी आईतुम्हे पुकारेwah.
स्थूल तन,पत्थर के मकान,पत्थर दिल.
एक टिप्पणी भेजें
3 टिप्पणियां:
हुज़ूर आपका भी .......एहतिराम करता चलूं .....
इधर से गुज़रा था- सोचा- सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ
कृपया एक अत्यंत-आवश्यक समसामयिक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
www.samwaadghar.blogspot.com
शुभकामनाओं सहित
संजय ग्रोवर
bahut khoob haiku, main to nano kavita kahunga. bahut sunder.
सांझ सकारे
याद तुम्हारी आई
तुम्हे पुकारे
wah.
स्थूल तन,
पत्थर के मकान,
पत्थर दिल.
एक टिप्पणी भेजें