:1:
जब बात निकल जाती
लाख जतन कर लो
फिर लौट के कब आती ?
:2:
उनकी ये अदा कैसी ?
ख़ुद से छुपते हैं
देखी न सुनी ऐसी
:3:
ऐसे न चलो ,हमदम !
लहरा कर जुल्फ़ें
आवारा है मौसम
:4:
माना कि सफ़र मुश्किल
होता है आसां
मिलता जब दिल से दिल
:5:
जब क़ैद ज़ुबां होती
बेबस आँखें तब
अन्दाज़-ए-बयां होती
-आनन्द.पाठक-
[सं0 15-06-18]
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