शनिवार, 21 जुलाई 2018

चन्द माहिया : क़िस्त 49

चन्द माहिया : क़िस्त 49

:1:
ये इश्क़ है जान-ए-जां
तुम ने क्या समझा
ये राह बड़ी आसां ?

:2:
ख़ामोश निगाहें भी
कहती रहती हैं
कुछ मन की व्यथायें भी

:3:
कुछ ग़म की सौगातें
जब से गई हो तुम
आँखों में कटी रातें


:4:
वो जाने  किधर रहता
एक वही तो है
जो सब की खबर रखता

:5:
क्या जानू किस कारन ?
सावन भी बीता
आए न मेरे साजन


-आनन्द.पाठक-


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