शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

चन्द माहिए : क़िस्त 86

 क़िस्त 86


1

आँखें कुछ कहती हैं

पढ़ जो सको पढ़ लो

ख़ामोश क्यूँ रहती हैं


2

वादा न निभाते हो

तोड़ ही जब देना

क्यों क़स्में खाते हो


3

दिल से दिल की दूरी

तुम ने बना रख्खी

क्यों, क्या है  मजबूरी ?


4

क्यों बात कही आधी
और सुना माही !
है रात अभी बाक़ी


5

साने से ढला आँचल

कुछ तो कहता है

कुछ समझा कर, पागल !


-आनन्द.पाठक-

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