रविवार, 20 सितंबर 2020

चन्द माहिए : क़िस्त 81

 क़िस्त 81 ओके


1

इतना न झुकाओ सर

ध्यान रहे इतना

दस्तार रहे सर पर 


2

हलचल सी है मन में 

महकीं फिर यादें

मन के इस उपवन में 


3

कुछ लुत्फ़-ओ-इनायत भी

उल्फ़त में  होती

कुछ शिकवा शिकायत भी


4

जो कह न सकी वो भी

सुन मेरे माही !

जो सह न सकी वो भी

5

बदरा बरसै  झम झम

नाचै मन मोरा

पायल बोले  छम छम 

-आनन्द.पाठक-


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