गीत
[Mother's Day पर कुछ पंक्तियाँ ----]
सौम्य मूर्ति देवी की जैसी, आकर ममता छलका जाती....
घर भर की रामायन थी , माँ
स्नेहसिक्त आशीर्वचन , माँ मुझ पर आ कर बरसा जाती....
चाहे हों घनघोर घटाएँ
दीन-धरम का साथ निभाना
चाहे जितनी चलें हवाएँ
समय समय पर सपनों में माँ आकर मुझको समझा जाती
माँ मेरे सपनों में आती ---
सजग तुम्हें ही रहना होगा
जीवन पथ पर बढ़ना है तो
तुम्हें स्वयं ही लड़ना होगा
अपने आँचल की छाया कर सर पर मेरे फ़ैला जाती
माँ मेरे सपनों में आती ---
-आनन्द.पाठक-
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