गीत 83 [07] : शरण में राम की आना---[भाग 2
कटॆ जब आस की डोरी, बिखर जाएँ सभी सपने
जीवन में हो कुछ पाना, शरण में राम की आना ।
जहाँ आदर्श की बातें,
सनातन धर्म का प्रवचन
तुम्हारे सामने होगा-
प्रभु श्री राम का जीवन
स्वयं में राम को ढूँढो, विजय श्री प्राप्त होने तक
झलक श्री राम की पाना, शरण में राम की आना ।
वचन कैसे निभाते हैं,
कि क्या होती है मर्यादा
राजसी ठाठ को तज कर
जिया जीवन सदा सादा ।
अगर कुछ सीखना तुमको कि जीने का तरीका क्या
स्वयं में राम दुहराना ,शरण में राम की आना ।
परीक्षा माँ सिया ने दी
प्रतीक्षा उर्मिला ने की
भरत ने राज आसन पर
प्रभू की पादुका रख दी ।
तपस्या त्याग क्या होती ,भरत सा आचरण करना।
समझ आए. समझ जाना, शरण में राम की आना
-आनन्द.पाठक-
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