क़िस्त : 46
:1:
रेती पे घरौंदे हैं
:1:
रेती पे घरौंदे हैं
बह जाते सपने
लहरों ने रौंदे हैं
:2:
खुशियाँ हैं,पसीना है
:2:
खुशियाँ हैं,पसीना है
जीने का मतलब
हर रंग में जीना है
:3:
क्यों बात कही आधी?
:3:
क्यों बात कही आधी?
और सुना माही!
है रात अभी बाक़ी
:4:
यूँ तो सब से नाता
कौन हुआ किसका
जब वक़्त बुरा आता
:5:
आजीवन क्यों क्रन्दन
ख़ुद ही बाँधा है
माया का जब बन्धन
-आनन्द.पाठक--
[सं 15-06-18]
:4:
यूँ तो सब से नाता
कौन हुआ किसका
जब वक़्त बुरा आता
:5:
आजीवन क्यों क्रन्दन
ख़ुद ही बाँधा है
माया का जब बन्धन
-आनन्द.पाठक--
[सं 15-06-18]
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