रविवार, 17 मार्च 2024

चन्द माहिए : क़िस्त 101 /11 होली पर

 



चन्द माहिए 101/11 : होली पर


:1:

होली में सनम मेरे 

थाम मुझे लेना

बहके जो कदम मेरे


:2:

घर घर में मने होली

हम भी खेलेंगे

आ मेरे हमजोली 

:3;

क्यों रंग लगाता है

दिल तो अपना है

क्यों दिल न मिलाता है?

:4:

क्यों प्रीत करे तन से

रंग लगा ऐसा

उतरे न कभी मन से ।

:5:

पूछे है अमराई

फागुन तो आया

गोरी क्यूँ नहीं आई ?


-आनन्द पाठक-



कोई टिप्पणी नहीं: