रविवार, 17 मार्च 2024

चन्द माहिए 102 /12 होली पर

 चन्द माहिए 102/12 [होली पर]


;1: 

रंगो के दिन आए

कलियाँ शरमाईं
भौरें जब मुस्काए

:2:

आई होली आई

आज अवध में भी

खेलें चारो भाई

:3:

हर दिल पर छाई है

होली की मस्ती

गोरी घबराई है

:4:

"कान्हा मत छेड़ मुझे"

राधा बोल रही

"हट दूर परे, पगले !"


:5:

होली के बहाने से

बाज न आएगा

तू रंग लगाने से ।


-आनन्द पाठक-


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