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509
वक़्त सुनाएगा जब इक दिन
मेरी अधूरी प्रेम कहानी
दुनिया समझेगी तब उस दिन
क्या होता है इश्क़ रुहानी
510
तनहाई में तेरी यादों
का एक सहारा ही होता
पास बचा अब क्या मेरे जो
दिल क्या खोता या दिल रोता
511
जब जब उमड़ी होगी बदली
विरहन की सूनी आंखों में
तब तब भींगी होगी सेजरिया
साजन बिन सूनी रातों में ।
512
बेमौसम बरसात हुई है
मीत हमारा रोया होगा
टूटा होगा कोई भरोसा
कोई सपना खोया होगा
-आनन्द.पाठक-
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