शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

अनुभूतियाँ 131/18 : राम लला पर [ भाग-1]

 अनुभूतियाँ 131/18 : [ नोट : भाग 2 देखें 136/23 ]


521

राम लला जी के मंदिर का

संघर्षों की एक कहानी

नई फ़सल अब क्या समझेगी

प्राण दिए कितने बलिदानी 


522

पावन क्षण में पावन मन से

पूजन अर्चन शत शत वंदन

स्वागत में हम  खड़े राम के

लेकर अक्षत रोली चंदन 

523

जन मन में अब राम बसे हैं

हर्षित हैं सब अवध निवासी

सब पर कृपा राम की होती

जन मानस,साधु सन्यासी 

524

रामराज की बातें तब तक

जब तक राम हृदय में बसते

वरना तो कुरसी की खातिर

सबके अपने अपने  रस्ते


-आनन्द.पाठक-

कोई टिप्पणी नहीं: