65
प्यार किसी का ठुकराने में
कितना वक़्त लगा करता है
लेकिन जिसकी चाहत हो तुम
सारी उम्र जगा करता है ।
66
बादल बरसा कर जल अपने
मन हल्का निर्मल कर लेते,
आँसू मेरे बरस न पाते -
मन बोझिल बोझिल कर देते ।
67
एक सहारा बन कर आई
तुम जो गई तो गया सहारा
जिसको छोड़ दिया हो तुम ने
उसे मिला फिर कहाँ किनारा ।
68
आशाएँ ज़िन्दा रहती हैं
उम्मीदें कुछ अब तक बाक़ी
जिस घर को तुम छोड़ गई हो
आज अभी तक खाली खाली
।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें