रविवार, 28 जून 2020

चन्द माहिया : क़िस्त 63


क़िस्त 63 ओके

1
क्या दर्द बताऊँ मैं
कौन सुनेगा ाब
फिर किसको सुनाऊँ मैं

2
क्या तुमने था ठाना ?
छोड़ के दुनिया को
चुपके से चले जाना

3  
किसकी पाबन्दी थी
जाने की तुम को      
क्या इतनी जल्दी थी


4
जितना भी जिया तुम ने
देने की सोचा
कुछ भी न लिया तुमने

5
दिन रात वही बातें
कैसे गुज़रे दिन
कैसी बीती रातें

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