रविवार, 28 जून 2020

चन्द माहिया : क़िस्त 69


क़िस्त 69

1
उस पार सँवरिया है
जाऊँ मैं कैसे
कोरी न चुनरिया है

2
ऎ मेरे दिल-ए-नादाँ
उन बिन जीना क्या
लगता है तुम्हें आसाँ ?

3
लौ उनकी जगी मन में
अक्स नज़र आया
उनका ही कन कन में

4
सुख की करते आशा
राम तो हैं मुख में
पर सोच करमनाशा

5
जब तक ज़िन्दा ईमां
इंसाँ के अन्दर
तब तक ज़िन्दा इन्साँ



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