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2122---1212---22-
इश्क़ करना बुरा नहीं होता ,
हर बशर बावफ़ा नहीं होता ।
हुस्न कब आ के दिल चुरा लेगा
दिल को भी ये पता नहीं होता ।
आप के दर तलक कईं राहें
एक ही रास्ता नहीं होता ।
बात मैं क्या सुनूँ तेरी ज़ाहिद ,
दिल ही जब आशना नहीं होता ।
प्यास कोई अगर नहीं होती
आदमी फिर चला नहीं होता ।
दिल अगर खोल कर जो हम रखते
लौट कर वो गया नहीं होता ।
दरहक़ीक़त यह बात है ’आनन’
इश्क़ का मरहला नहीं होता ।
-आनन्द.पाठक-
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