कविता 32 : आसुरी शक्तियाँ
आसुरी शक्तियाँ
पाशविक प्रवृत्तियाँ
देवासुर संग्राम में
कल भी थी, आज भी है |
रावण मरा नहीं करता है
कंस सदा ज़िंदा रहता है
मन के अंदर
सत्य असत्य का
द्वंद सदा चलता रहता है ।
निर्भर करता
आप किधर किस ओर खड़े हैं
कितना कब तक आप लड़े हैं ।
द्वंद सदा चलता रहता है ।
निर्भर करता
आप किधर किस ओर खड़े हैं
कितना कब तक आप लड़े हैं ।
-आनन्द.पाठक-
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