सोमवार, 30 सितंबर 2024

अनुभूतियाँ 153/40

 अनुभूतिया 153/40


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सात जनम की बातें पढ़ते

सुनते रहते वचन धरम में  

एक जनम ही निभ जाए तो

बहुत बड़ी है बात स्वयं में ।


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