गीत ग़ज़ल और माहिए ------
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आवाज़ का सफ़र
मंगलवार, 7 मई 2024
दोहा 16 : चुनावी दोहे
दोहा 16
आँसू चार बटोर कर, भरी सभा ढुलकाय
इसी बहाने ही सही, चंद वोट मिल जाय
मौसम नए चुनाव का, जुमलों की बौछार
जनता सुन सुन खुश हुई, जन्नत मेरे द्वार
बाँट रहे हैं 'रेवड़ी', सबको गले लगाय
"वोट हमें देना सखे !"- नेता जी मिमियाय
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