गुरुवार, 9 मई 2024

दोहा 17 : चुनावी दोहे

   दोहे 17: चुनावी दोहे


आँसू चार बटोर कर, भरी सभा छलकाय
इसी बहाने हॊ सही ,चन्द वोट  मिल जाय।


झूठ बोल कर चल दिया, अफ़वाहों क दौर,
सच की कसमें खा रहा, झूठों का सिरमौर ।

मार गुलाटी आ गए, पलटू  जी इस पार 
कहीं नहीं जाना उन्हें कहते बारम्बार ।

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