शुक्रवार, 19 जुलाई 2024

कविता 21 : आया ऊँट पहाड़ के नीचे--

 कविता 21 : आया ऊँट पहाड़ के नीचे--


आया ऊँट पहाड़ के नीचे

देख रहा है अँखियाँ मीचे 

मन ही मन क्या कुछ सोचे 

अयँ ?

मुझसे भी क्या कोई बड़ा  है?

यहाँ सामने कौन खड़ा है ?

 ऐसा भी होता है क्या !

 मुझसे कोई ऊँचा  क्या !

जिसने देखी झाड - झाड़ियाँ 

वह क्या समझे है पहाड़ क्या !


 अपने कद का रोब दिखाता

 अपना ही बस गाता जाता

क्या करता फिर एक आदमी

सिर्फ़ हवा में

 दाँत भींच कर मुठ्ठी भींचे

आया ऊँट पहाड़ के नीचे

आया उँट पहाड़ के नीचे ।


-आनन्द.पाठक


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