मंगलवार, 23 जुलाई 2024

दोहे 20 : श्रावणी दोहे

 दोहे 20: सावनी दोहे


काँवर लेकर चल पड़े, मन में भर विश्वास ।

महादेव के नाम से, गूँजे  सावन  मास ॥


पावन घट मे जल लिए, करने को अभिषेक ।

भक्ति भाव अतिरेक में , रखें भावना नेक ॥


गूंज रहा है बोल-बम, एक यही संकल्प ।

महादेव के नाम का, दूजा नहीं विकल्प ॥


बाबा भोले नाथ से, विनती मेरी खास  ।

जब तक मेरी साँस हो,दर्शन की हो प्यास ॥


बाबा भोले नाथ का,  सदा करें गुणगान ।

मन कल्मष ना हो कभी, सदा रहे यह ध्यान ॥


जा पर किरपा आप की, भवसागर हो पार ।

करियो शम्भू नाथ जी , मेरो भी  उद्धार ॥   -6


चरण वंदना आप की, हे शिव जी महराज ।

कॄपा करें आशीष दें , पूरे होवे काज  ॥  -7







 

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