दोहे 20: सावनी दोहे
काँवर लेकर चल पड़े, मन में भर विश्वास ।
महादेव के नाम से, गूँजे सावन मास ॥
पावन घट मे जल लिए, करने को अभिषेक ।
भक्ति भाव अतिरेक में , रखें भावना नेक ॥
गूंज रहा है बोल-बम, एक यही संकल्प ।
महादेव के नाम का, दूजा नहीं विकल्प ॥
बाबा भोले नाथ से, विनती मेरी खास ।
जब तक मेरी साँस हो,दर्शन की हो प्यास ॥
बाबा भोले नाथ का, सदा करें गुणगान ।
मन कल्मष ना हो कभी, सदा रहे यह ध्यान ॥
जा पर किरपा आप की, भवसागर हो पार ।
करियो शम्भू नाथ जी , मेरो भी उद्धार ॥ -6
चरण वंदना आप की, हे शिव जी महराज ।
कॄपा करें आशीष दें , पूरे होवे काज ॥ -7
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