237
बात यक़ीनन कुछ तो होगी
यूँ ही कौन ख़फ़ा होता है ।
चॊट कभी जब दिल पर लगती
घाव बहुत गहरा होता है।
238
सुनने में अच्छी लगती है
प्यार मुहब्बत वाली बातें,
जिनके सपने टूट गए हों
उनकी कैसे कटती रातें ?
239
तेरा ग़म या मेरा ग़म हो
ग़म जिसका हो रंग एक है,
आँसू चाहे जिसके भी हो
बहने का सब ढंग एक है ।
240
मीठी मीठी बातों वाले
हर मौसम हर शहर मिलेंगे,
शहद घुला होगा बातों में
लेकिन अन्दर ज़हर मिलेंगे।
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