सोमवार, 30 जनवरी 2023

चन्द माहिए: क़िस्त 91/01

 क़िस्त 91 /01: [माही उस पार]

1

सावन के महीने में

आग लगी कैसी

गोरी के सीने में 


2

भूले से आ जाते

सावन में साजन

झूले पे झुला जाते


3

सावन की फुहारों से

जलता है तन-मन

जैसे अंगारों से


4

रुक ! सुन तो ज़रा बादल !

कैसे है प्रियतम?

यह पूछ रही पायल 


5

सावन की हरियाली

मस्त हुआ मौसम

कलियाँ भी मतवाली


कोई टिप्पणी नहीं: