249
इतना भी आसान नहीं है
बरसों का यह साथ भुलाना,
भूल भले ही जाओ तुम, पर
मुझको तो ताउम्र निभाना ।
250
दिल की चिन्ता, कैसी चिन्ता ?
रोना है तो, रो के रहेगा,
टाल सका है कौन यहाँ कब
होना है जो हो के रहेगा ।
251
वक़्त गया फिर कब आता है
यादें रह जाती हैं मन में,
कागज की थी नाव कभी, पर
बहुत भरोसा था बचपन में ।
252
दुनिया ने हर बार छला है
तुमने छला तो क्या कहते हम
बात नई कोई तो नहीं यह
यही लिखा था, क्या करते हम
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